कभी हसाती है कभी रुलाती है ज़िन्दगी
(फिर भी याद आती है ज़िन्दगी)
ए ज़िन्दगी कभी हसाती है,
कभी रुलाती है, मुझे ये बता
क्यूँ इतना सताती है|
कभी सीने से पाती है,
कभी दूर जाती है|
पल-पल रूख़ बदल कर
मझे ऐसे क्यूँ सताती है|
मझे तो तेरी चाहत इस कदर है,
जैसे तू सॉंस हो मेरी,
और मैं धड़कन हूँ तेरी,
तेरी आवाज़ आती है,
और तू मुस्कुराती है,
रात भर याद आती है,
और तू पास आती है,
मगर ये नैंना जुल्म कर-कर के मझे ऐसे सताते है,
कभी पास लाते है कभी यूँही रुलाते है|
इस सीने से कभी न तू दूर जाती है,
और फिर भी हसाती है,
फिर भी रुलाती है,
मेरे दिल में तू यूँही गुनगुनाती है,
तेरी याद आती है,
हमेशा तू याद आती है|
By– Harendra Singh
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